कोई भी संबंध तभी तक स्थाई और भरोसे लायक होता है जब तक उसमें प्रेम तथा आपसी विश्वास हो। इन दो चीजों के बिना सभी संबंध अपना महत्व खो देते हैं। यह बात और है कि हम जान ही नहीं पाते कि कब रिश्तों से ये दो चीजें खत्म हो जाती हैं और आप एक अनचाहे बंधन में बंधने लगते हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ बातें जिनसे हम अपने रिश्तों की हकीकत को परख सकते हैं और समय रहते उनसे बाहर आ सकते हैं-
प्रेम संबंधों में तभी तक मधुरता रहती है जब तक दोनों मिल-जुलकर रहें। एक भी आदमी अगर दूसरे को बार-बार हर चीज के लिए चुनौती देने लगे तो ऐसा रिश्ता बेमानी हो जाता है, उस रिश्ते को टूटने में देर नहीं लगती।
यूं तो आपसी विश्वास और प्रेम के चलते कोई भी किसी के लिए भी बोल सकता है लेकिन जब रिश्ते में एक आदमी चुप हो जाए या चुप करा दिया जाए और दूसरा ही लगातार बोलने लगे तो ऐसा रिश्ता भी किसी काम का नहीं रहता। हालांकि कई बार ऐसा अनजाने में हो सकता है, लेकिन ऐसा होना आपके रिश्ते के टूटने की पहली आहट हो सकती है, इसलिए समय रहते सावधान हो जाना चाहिए।
कोई भी रिश्ता तभी तक संजीदा और आनंददायी रहता है जब तक कि दोनों मिल कर आपसी भरोसे और विश्वास पर काम करते हैं, अगर एक भी पीछे हटा तो सब कुछ बेकार हो जाता है। अगर आपको भी ऐसा लगता है कि आपको छोटी से छोटी चीज के लिए भी उनकी परमिशन लेनी पड़ रही है तो यकीनन इस रिश्ते को सुलझाने में ही भलाई है।