महाशिवरात्रि का पर्व सोमवार के दिन होने के कारण यह अपने आप में स्वतः ही खास हो जाता हैं, इस दिन सभी ‘12 राशि‘ के जातक अपनी राशि के अनुशार ऐसे करें शिवजी का पूजन। महादेव कैलास पति सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं । भगवान शिव देवों के देव महादेव कहे जाते हैं। अगर महाशिवरात्रि के दिन कोई जातक अपनी राशिनुसार उनकी आराधना करता है तो उनकी कुंडली में मौजूद ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाते है।
मेष राशि – मेष राशि महाशिवरात्रि के दिन लाल चंदन व लाल रंग के पुष्प भगवान भोलेनाथ को अर्पित करने के साथ ऊँ नागेश्वराय नम: मंत्र का जप 51 या 108 बार जरूर करें । आपके मन की मुराद जल्द पूरी होगी।
वृषभ राशि – वृषभ राशि के जातक भगवान शिव की पूजा चमेली के फूलों से करने के साथ शिवजी के रुद्राष्टक का पाठ भी करें ।
मिथुन राशि – मिथुन राशि के जातक भगवान शिव को धतूरा, भांग अर्पित करने के बाद “108” बार शिव पंचाक्षरी मंत्र – ‘ॐ नम: शिवाय का जप करें।‘
कर्क राशि – कर्क राशि के जातक शिवलिंग का अभिषेक भांग मिश्रित गाय के दूध से करे एवं रूद्रष्टाध्यायी का पाठ करें।
सिंह राशि – सिंह राशि के जातक भगवान शिव की पूजा कनेर के लाल रंग के पुष्प से करें, एवं शिवालय में बैठकर श्री शिव चालीसा का पाठ करें।
कन्या राशि – कन्या राशि के जातक भगवान शिवजी की पूजा बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि सामग्री शिवलिंग पर अर्पित करने के बाद शिव पंचाक्षरी मंत्र ऊँ नमः शिवाय का जप करें।
तुला राशि – तुला राशि के जातक मिश्री युक्त दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने के बाद शिव के सहस्रनामों का जप पाठ करें।
वृश्चिक राशि – वृश्चिक राशि के जातक शिवजी का पूजन गुलाब के फूलों एवं बिल्वपत्र की जड़ से करने के बाद, रूद्राष्टकम स्तुति का पाठ करें।
धनु राशि – धनु राशि के जातक महाशिवरात्रि के दिन प्रात:काल में भगवान शिव की पूजा पीले रंग के फूलों से करे एवं प्रसाद के रूप में खीर का भोग लगाकर श्री शिवाष्टक का पाठ करें।
मकर राशि – मकर राशि के जातक धतूरा, भांग, अष्टगंध आदि से भगवान शिव की पूजन करने के बाद 108 बार इस मंत्र का जप करें । मंत्र- ऊँ पार्वतीनाथाय नम:।
कुंभ राशि – कुंभ राशि के जातक शिवलिंग का गन्ने के रस से अभिषेक करें एवं शिवाष्टक का पाठ भी करें।
मीन राशि – मीन राशि के जातकों को पंचामृत, दही, दूध एवं पीले रंग के फूल शिवलिंग पर अर्पित करने चाहिये एवं पूजन के बाद शिव पंचाक्षरी मंत्र नम: शिवाय का जप चंदन की माला से 108 बार करें।