ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार 10 मई को आ रही वैसाख पूर्णिमा पर बुधादित्य योग बन रहा है। इस योग को ज्योतिष में अति-दुर्लभ माना गया है। इस योग को दान-पुण्य, तीर्थ स्नान आदि के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
इसके साथ ही ग्रह-गोचर में भी गुरु-मंगल के नवम पंचम, गुरु-शुक्र का समसप्तक योग एवं शनि-मंगल का षड़ाष्टक व्यापार में वृद्धि से लेकर ऋतु परिवर्तन कराने वाला होगा। इसके पहले वैशाख पूर्णिमा पर ये संयोग 22 अप्रैल 1720 में बना था। सबसे खास बात यह है कि इस पूर्णिमा पर सूर्य भी अपनी उच्च राशि मेष में है जिसके चलते दान-पुण्य, घट दान, वस्त्र-भूमि आदि के क्रय-विक्रय के लिए भी इस योग को बहुत शुभ माना गया है।
जानिए सर्वश्रेठ ज्योतिषी “हिमानी जी” ने क्या कहा
मंगल का नवम पंचम योग व्यापार में वृद्धि, गुरु-शुक्र का समसप्तक योग ऋतु परिवर्तन कराएगा। इसके साथ ही वैशाख पूर्णिमा आने से बुधादित्य सहित कई ग्रह नक्षत्रों की युति से योग संयोग एक साथ बन रहे हैं।
इसलिए है खास
इस बार यह योग शनि की गणना तथा गुरु के वक्रत्व काल से बन रहा है। यह अति दुर्लभ योग माना गया है। गुरु-शुक्र के समसप्तक योग से आने वाले समय में अच्छी बारिश की संभावनाएं बन रही हैं। शनि-मंगल के खड़ा अष्टक योग से देश की सैन्य शक्ति बढ़ेगी लेकिन न्याय तथा पुलिस के मामलों में देश के लिए विपरीत परिस्तिथियां बन रही हैं।