न्याय के देवता शनि देव अपनी शत्रु राशि वृश्चिक राशि से निकल कर, कल शाम 7.29 बजे धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही शनि दो राशियों को प्रभावित करेंगे। ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के अनुसार शनि देव के राशि बदलते ही मकर राशि की साढ़ेसाती आरंभ हो जाएगी। वहीं तुला राशि के जातकों को साढ़ेसाती से पूरी तरह से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि साढ़े साती का अंतिम चरण प्रारंभ हो जाएगा।
ज्योतिष गणना के अनुसार 26 जनवरी को वृश्चिक राशि को छोड़कर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। वे ढाई साल इसी राशि में रहेंगे। 6 अप्रैल को शनि वक्री होकर 20 जून को पुन: वृश्चिक राशि में आएंगे। 25 अगस्त को शनि मार्गी होकर 26 अक्टूबर को पुन: धनु राशि में लौटेंगे। 23 जनवरी 2020 तक धनु राशि में रहेंगे। बुध और शुक्र प्रधान राशियां शनि की मित्र राशि है। मंगल, सूर्य, चंद्र, शनि की शत्रु राशियां है।
शनि के धनु राशि में प्रवेश करते ही, कर्क राशि पर शनि की साढ़े साती एवं वृष एवं कन्या राशि वालों पर ढैया का आरंभ हो जाएगा। शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए सुंदर कांड, हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। साथ ही शनि वृक्ष खेजडे की पूजा करें, चींटियों को दाना डालें, लोहे के पात्र में तेल आदि का दान करना चाहिए।
शुभ – सिंह, तुला, कुंभ, मीन
अशुभ – वृषभ, कन्या, धनु, मकर
मिश्रित – मेष, मिथुन, कर्क, वृश्चिक
मकर राशि वाले शनि की वस्तु यथा तेल, काले कपड़े, लोहे, जूते आदि का दान करें। वृषभ, कन्या, धनु तथा मकर राशि वाले भी इस उपाय को करने से शनि की पीड़ा से मुक्त होंगे।
शनि स्रोत का पाठ करें।
हनुमानचालिसा का पाठ करें तथा हनुमानजी को मंगलवार व शनिवार सिंदूर का चोला चढ़ाएं।
शराब तथा अन्य मादक पदार्थों का सेवन पूरी तरह से त्याग दें।