दीपावली का महापर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या में प्रदोष काल, स्थिर लग्न समय में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन धन की देवी श्रीमहालक्ष्मी जी का आव्हान कर उनका पूजन किया जाता है तथा अखंड संपदा, सौभाग्य और सम्पन्नता का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
इस बार दीपावली का पर्व 30 अक्टूबर (रविवार) के दिन है। ज्योतिष के हिसाब से इस दिन चित्रा/स्वाति नक्षत्र रहेगा, साथ ही प्रीति योग बन रहा है। इस दिन चंद्रमा तुला राशि में विचरण करेगा। ऐसे में प्रदोष काल, स्थिर लग्न तथा कुंभ का स्थिर नवांश होने से लक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय शाम 6.50 से 7.03 बजे तक का रहेगा।
प्रदोष काल में करें लक्ष्मी पूजन
इस बार दीपावली पर 5.42 से 8.17 बजे तक प्रदोष काल रहेगा। इसे प्रदोष काल का समय कहा जाता है। प्रदोष काल में भी स्थिर लग्न समय सबसे उत्तम रहता है। इस बार दीपावली पर प्रदोष काल व स्थिर लग्न दोनों तथा इसके साथ शुभ चौघडिय़ा भी रहने से अत्यन्त ही शुभ मुहूर्त बन रहे हैं।
चौघडिय़ा के हिसाब से लक्ष्मी पूजन का समय
बहुत से लोग चौघडिय़ा मुहूर्त के हिसाब से भी दीपावली पर लक्ष्मी पूजन करते हैं। ज्योतिष की दृष्टि में शुभ, लाभ, अमृत एवं चर के चौघडिय़ा में लक्ष्मी पूजन शुभ फलदायी माना गया है। चौघड़िया के हिसाब से पूजा के मुहूर्त इस प्रकार रहेंगे। शुभ, अमृत व चर के सायं 5.42 से रात्रि 10.34 बजे तक तथा लाभ का चौघडिय़ा मध्यरात्रि बाद 1.48 से 3.25 बजे तक रहेगा। इस दौरान लक्ष्मीजी की पूजा की जाएगी। शुभ का चौघडिय़ा अंतरात 5.02 से प्रातरू 6.40 बजे तक रहेगा।
ये हैं सबसे शुभ मुहूर्त
इस बार वृष लग्न सायं 6.37 से 8.34 बजे तक, सिंह लग्न मध्यरात्रि बाद 1.07 बजे से 3.23 बजे तक लक्ष्मी पूजन किया सकता है।