1. हिन्दू धर्म के अनुसार बृहस्पतिवार ‘धर्म’ का दिन माना जाता है। क्योंकि यह दिन देव गुरु ‘बृहस्पति’ को समर्पित माना गया है। बृहस्पति देव की उपासना जीवन में सुख एवं संपत्ति लाती है, इसलिए कहते हैं कि इस दिन भगवान बृहस्पति को प्रसन्न करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।
2. हिन्दू शास्त्रों में उच्चतम ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सौरमंडल में मौजूद हर एक ग्रह किसी ना किसी देव को समर्पित है। यह ग्रह हमारी कुंडली से जुड़े हैं और हम जो भी कर्म करते हैं, उसी के अनुसार हमें फल भी देते हैं। हमारी कुंडली में मौजूद बृहस्पति ग्रह काफी मजबूत एवं भाग्य बनाने वाला माना जाता है।
3. यह ग्रह जिस भी जातक की कुंडली में मजबूत स्थिति में होता है, उसे समाज में सब कुछ दिलाता है। पैसा, शोहरत, नाम, सम्मान, सब कुछ उसके नाम होता है। लेकिन बृहस्पति ग्रह का कमजोर होना उससे सब खुशियां छीन लेता है।
4. किंतु कुछ शास्त्रीय उपायों की मदद से देव गुरु बृहस्पति को प्रसन्न कर, बृहस्पति ग्रह के बुरे प्रभाव को कम किया जा सकता है। तो आइए जानें वे क्या उपाय हैं, जो आपको प्रत्येक बृहस्पतिवार को करने चाहिए, ताकि भगवान बृहस्पति अपनी कृपा आप पर बनाए रखें।
5. हर बृहस्पतिवार को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं या फिर कम से कम सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान कर लें। स्नान के पश्चात भगवान विष्णु के समक्ष दीया जलाएं।
6. अपने माथे पर केसर का, चंदन का या फिर हल्दी का तिलक लगाएं। यह आपके ऊपर आने वाली शारीरिक एवं मानसिक कठिनाईयों से आपकी रक्षा करेगा।
7. कहते हैं कि भगवान बृहस्पति को पीली वस्तुएं बेहद पसंद हैं। इसलिए हर बृहस्पतिवार को पीले रंग की वस्तुओं का दान शुभ माना जाता है। आप गरीबों में या फिर ब्राह्मणों में पीले वस्त्र दान करें।
8. पीले वस्त्रों के अलावा पीला अनाज या फिर फल-सब्जी भी दान की जा सकती है। इसकी मात्रा आप स्वयं ही निर्धारित कर सकते हैं।
9. बृहस्पतिवार के दिन भगवान शिव को अपने हाथों से बने पीले लड्डू अर्पित करें। यदि आप स्वयं ना बना सकें तो बाजार से बने लड्डू का चढ़ावा चढ़ा सकते हैं। यह उपाय आपके भाग्य को चमकाएगा।
10. यदि परिवार में किसी की सेहत ठीक ना हो तो उन्हें बृहस्पतिवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करने को कहें। पीले रंग का प्रसाद एवं वस्त्र गरीबों में बांटने को कहें।
11. शास्त्रों के अनुसार बृहस्पतिवार के दिन किसी भी प्रकार की पीली वस्तु का दान शुभ माना गया है, किंतु केले का दान सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है।
12. बृहस्पतिवार के दिन मंदिर में जाकर भगवान विष्णु के मंत्र “ॐ नम: नारायण” का एक माला (108 बार) जाप करें और उन्हें पीले रंग के फूलों की माला अर्पित करें।
13. बृहस्पतिवार के दिन पीले रंग के ही वस्त्र धारण करना शुभ माना गया है। इस दिन काला या लाल वस्त्र पहनने से सख्त मना किया जाता है।
14. यदि संभव हो तो इस दिन भगवान बृहस्पति के लिए व्रत रखें। पूर्ण विधि अनुसार व्रत करें। इससे देव प्रसन्न अवश्य होंगे।
15. किंतु अगर आप व्रत नहीं भी कर रहे हैं, तो शास्त्रों में दर्ज एक नियम का पालन करना आपको व्रत के बराबर फल प्रदान कर सकता है। जिसके अनुसार अगर इस दिन आप नमक का सेवन नहीं करेंगे, तो देव गुरु बृहस्पति प्रसन्न होंगे।
16. लेकिन अगर आप व्रत कर सकते हैं तो हम आपको व्रत की विधि संक्षेप में बताते हैं। यह काफी आसान है, बृहस्पतिवार के दिन आपको सुबह समय से उठकर स्नान आदि करके भगवान बृहस्पति की पूजा करनी है।
17. पूजा के लिए उनके बीज मंत्र का जाप करें। उनकी तस्वीर के समक्ष सरसों के तेल का दीया जलाएं। पीले फूल, पीले अनाज, पीली वस्तुओं को ही अर्पित करें।
18. यदि संभव हो तो पूजा के अंत में दूध में केसर मिलाकर भगवान बृहस्पति का जलाभिषेक करें। इससे देव अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
19. बृहस्पतिवार के दिन पूजा एवं व्रत करने से व्यक्ति धन का सुख पाता है। जीवन में सुख आता है और दुखों का अंत होता है। जिसका विवाह नहीं हो रहा, उन्हें भी यह व्रत करना चाहिए। बच्चों की अच्छी सेहत के लिए भी यह व्रत किया जा सकता है।
Source:speakingtree.in