ज्योतिष के मानें तो रविवार को सुबह सुबह इस उपाय को करने से पूरे सप्ताह सफलता अपके कदम चूमेगी। ऐसी मान्यता है कि रविवार को भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। तो ये उपाय भी सूर्य पूजन ही है। शास्त्रों में भी बताया गया है, जो व्यक्ति प्रतिदिन सुबह सूर्य देव को अर्घ्य देता है, उसे कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती।
अगर आपके लिए हर रोज ऐसा करना संभव न हो तो रविवार की सुबह ये काम जरूर करें। तांबे की धातु पर सूर्य का अधिपत्य स्थापित है इसलिए भगवान आदित्य नारायण को जल अर्पित करते वक्त इसी धातु के लोटे से अर्घ्य दें। लोटे में चावल, लाल रंग के फूल और लाल मिर्च के कुछ दाने डालें। जल अर्पित करते समय इस मंत्र का जाप करें-
ॐ सूर्याय नम:
सूर्याय नमः ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ऊँ घृणि: सूर्यादित्योम
ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:
हर रविवार अवश्य करें ये काम- शास्त्रों में दान का अत्यधिक महत्व बताया गया है। अपनी सामर्थ्य के अनुसार तांबे के बर्तन, लाल कपड़े, गेंहू, गुड़ और लाल चंदन का दान करें।
जल अर्पित करते समय रखें इन बातों का ध्यान कि सूर्यदेव को कभी भी बिना स्नान के जल अर्पित न करें।
आपको बता दें बहुत लोगो को ऐसा मानना है कि सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय पैर में जल की छीटें पड़ने से फल नहीं मिलता। लेकिन ऐसा नहीं होता है। ज्योतिषचार्यों के अनुसार जल का प्रभाव और सूर्य की किरणों का प्रभाव केवल आपके सिर से नाभि तक ही होता है। इसलिए इसका कोई असर नहीं होता है।
सूर्य देव को जल अर्पित करने के लिए बहुत से लोग जल में गुड़ मिलाते हैं तो ऐसा न करें क्योकि इसका कोई महत्व नहीं होता। इसके बजाय जल में रोली या लाल चंदन और लाल पुष्प डाल सकते हैं। सूर्य देव को अर्घ्य देते समय स्टील, चांदी, शीशे अौर प्लास्टिक बर्तनों का प्रयोग न करें। कभी भी बिना स्नान के जल अर्पित न करें।
Source:navodayatimes.in