27 जुलाई गुरु पूर्णिमा का महाउत्सव लेकिन दोपहर 2.30 बजे के बाद सुतक आरम्भ होगा और खग्रास चंद्रग्रहण 27/28 जुलाई को मध्यरात्रि लगेगा जो की समस्त भारत में दिखाई देगा।
तिथि पूर्णिमा ( आषाढ़ पूर्णिमा , गुरु पूर्णिमा )
समय: ग्रहण स्पर्श 23:54 रात्रि
खग्रास प्रारम्भ : 25:00 रात्रि
ग्रहण मध्य। : 01:52 रात्रि
खग्रास समाप्त : 02: 43 रात्रि
ग्रहण मोक्ष या समाप्त : 03:49 प्रातः
ग्रहण का प्रादुर्भाव उतरा आषाढ़ जो की सूर्य का नक्षत्र है आरम्भ हो रहा है और चंद्रमा के नक्षत्र श्रवण में मोक्ष हो रहा है। संयोग अत्यंत दुर्लभ है की सूर्य के नक्षत्र से आरम्भ होकर चंद्रमा के नक्षत्र में मोक्ष होना अपने आप में एक संयोग है और चंद्रमा मकर राशि में गोचर करेगा जिससे मकर राशि के स्वामी शनि भी प्रभावित होंगे।
इस ग्रहण का प्रभाव
वृषभ , मिथुन , तुला , वृश्चिक , कुम्भ और मीन राशि वालों के लिए लाभकारी रहेंगे।
इन राशियों के लोग घी और शहद का दान अवश्य करें
मेष , कर्क , सिंह , कन्या , धनु ,और मकर राशि को सावधानी की अवश्यकता है। इसलिए इन राशियों के लोग चावल दूध और सफेद तिल का दान करें।
क्या करें और क्या ना करें :
– गर्भवती महिलाएं इस समय में जल या किसी भी खाद्य पदार्थ के सेवन से बचें।
– वो स्त्री जो प्रसूत पीड़ा में हो उनके घर के सदस्य उनके कांसे के बर्तन में घी का दान कर देंगे।
– रोगी लोग चावल का दान और छाया दान (सरसों तेल या घी में अपना चेहरा देखकर) करना लाभकारी रहेगा।
– विद्यार्थी लोग ग्रहण दौरान मां सरस्वती का मनन करें।
– अन्य सफलता प्राप्ति हेतु गुरु मंत्र का जाप करना या जो भी मंत्र आप के पास हो उसका जाप करना लाभकारी रहेगा। रामायण का पाठ करें। अपने इष्ट का ध्यान करें।
– ग्रहण उपरांत घर में गंगा जल का छिड़काव करें घर के मुख्य द्वार पर कुमकुम का तिलक करें। घर में हवन करवाएं ,शंख नाद करें अन्न का दान करें यथा शक्ति अपने गुरु या ब्राह्मण को दान दें और भोजन करवाएं।
विशेष :-
ग्रहण से पहले खाद्य पदार्थों में कुशा या तुलसी पत्ता रख दें और गर्भवती महिलाओं के बराबर का सफेद धागा नाप कर रख दें। ग्रहण उपरांत धागा या कुशा जल में प्रवाहित कर दें या पीपल के नीचे रख दें।
घर में बचा हुआ भोजन ना रखें।
ग्रहण के बाद अपने इष्टदेव की पूजा करें।
ब्राह्मण और गुरु का आशीर्वाद ले यथा शक्ती दान करें। बुजुर्ग महिलाओं का आशीर्वाद लें।
Source:amarujala.com