वर्ष 2018 में गुरु शत्रु भाव में बना रहेगा जिससे व्यर्थ ही वाद-विवाद, धनहानि, पड़ौसियों से शत्रुता तथा स्वास्थ्य का नुकसान होने की आशंका बनी रहेगी। शनि की ढैय्या भी लोहे के पाए में होने के कारण आपके लिए उपयुक्त नहीं है। कड़े प्रयासों के बाद भी विफलता मिलेगी, नौकरी तथा व्यापार में भी असफलता का सामना करना पड़ सकता है। अक्टूबर मध्य में गुरु के वृश्चिक राशि में प्रवेश करने से अशुभ फलों में कुछ कमी आएगी और व्यापार, स्वास्थ्य आदि में सुधार होगा। जीवन स्तर ऊंचा उठेगा, स्त्री-संतान सुख की भी प्राप्ति होगी। सत्पुरुषों की संगति व इष्ट मित्रों के सहयोग से अपेक्षित सफलताएं मिलेंगी।
जनवरी, फरवरी में व्यर्थ के खर्चें परेशान करेंगे। आलस्य के चलते लाभ के अवसर हाथ से छूट सकते हैं। मार्च-अप्रैल में स्त्री व संतान का सुख बढ़ेगा। क्रोध पर नियंत्रण रखेंगे तो सफलता प्राप्त करेंगे। मई से जुलाई तक का समय खराब स्वास्थ्य के चलते कष्टदायक रहेगा। धन के अभाव में योजनाएं अटकेंगी। परिवार में कोई मांगलिक कार्य होगा। अगस्त, सितंबर में गुप्त शत्रु आपके विरूद्ध छल-प्रपंच करेंगे, सावधान रहें। अक्टूबर से दिसंबर तक का समय आपके लिए विशेष शुभ फलदायी होगा। इस अवधि में मित्रों व स्वजनों के सहयोग से मनवांछित सफलता प्राप्त करेंगे, रूके हुए कार्य भी पूर्ण होंगे। लाभ बढ़ेगा।
जनवरी – 5, 6, 14, 15, 16, 24, 25, 26
फरवरी – 2, 3, 11, 12, 20, 21, 22
मार्च – 1, 2, 10, 11, 12, 20, 21, 29
अप्रैल – 6, 7, 8, 16, 17, 25, 26
मई – 4, 5, 13, 14, 15, 22, 31
जून – 1, 2, 10, 11, 18, 19, 27, 28, 29
जुलाई – 7, 8, 9, 15, 16, 17, 25, 26
अगस्त – 3, 4, 5, 12, 13, 21, 22, 31
सितंबर – 1, 8, 9, 17, 18, 19, 27, 28
अक्टूबर – 6, 7, 14, 15, 16, 24, 25, 26
नवंबर – 2, 3, 11, 12, 21, 22, 29, 30
दिसंबर – 8, 9, 10, 18, 19, 26, 27, 28